
रिपोर्ट – [मुकेश शुक्ला दुधावा]
कांकेर -बरकई (छत्तीसगढ़)। दशहरा के अवसर पर ग्राम बरकई में जय शीतला मानस मंडली के तत्वावधान में भव्य रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन की सबसे बड़ी बात यह रही कि पूरे नाटक में सभी प्रमुख किरदारों को बेटियों ने निभाया, जिसने समाज को नारी सशक्तिकरण का सशक्त संदेश दिया।
ग्रामीणों ने कहा कि इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि बेटियाँ किसी भी मंच पर पीछे नहीं हैं — चाहे वह धर्म, संस्कृति या परंपरा की रक्षा की बात हो।ग्रामीण बालिकाओं ने रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश पूरी दुनिया को दिया।विशेष बात यह रही कि मंच पर राम, लक्ष्मण और रावण — सहित सभी भूमिका बेटियों ने निभाई, जिससे यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया।
कार्यक्रम के दौरान बेटियों ने संवादों और अभिनय के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि नारी केवल शक्ति का प्रतीक ही नहीं, बल्कि संस्कृति की संवाहक भी है।
ग्रामीणों ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि बरकई की यह बेटियाँ अब केवल गाँव की नहीं, बल्कि विश्व मंच पर नारी सशक्तिकरण का उदाहरण बन गई हैं।
स्थानीय समाजसेवियों ने कहा — “जहाँ बेटियाँ रावण का दहन करती हैं, वहाँ समाज में अन्याय और भेदभाव का कोई स्थान नहीं रह जाता।”

कार्यक्रम में दुर्गानंदनी निषाद ने भगवान श्रीराम, उनकी बहन साधना निषाद ने लक्ष्मण, अन्नू निषाद ने रावण, खुशबू टेकाम ने हनुमान, मोनिका निषाद ने विभीषण, और यमुना नाग ने अंगद की भूमिका निभाई।
सभी कलाकारों ने अपने अभिनय और संवाद प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान “जय श्रीराम” के जयकारों से वातावरण गूंज उठा और रावण दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश पूरी दुनिया तक पहुँचा।