चन्द्रभान साहू बासनवाही

कांकेर – सरोना वन परिक्षेत्र के अंतर्गत साईमुंडा में एक दुर्लभ प्रजाति के जीव का शावक मिला है, दुर्लभ प्रजाति के इस जीव को हनि बेजर कहा जाता है, इस खतरनाक जानवर का दिखना क्षेत्र में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, ग्राम साईमुंडा का एक किसान रवीश नेताम पिता बुधराम नेताम ने फुटू (मशरूम) के लिए जंगल गया था जहां बारीश से भींगने के कारण शावक ठंड में कांप रहा था। उसको घर मे ला कर उन्होंने इसे आग से सिकाई कर तत्काल वन विभाग को इसकी सूचना दी ।उसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुँचा तथा इस जीव को अपने कब्जे में ले लिया है। हनी बेजर का शावक का उम्र लगभग एक सप्ताह का होना बताया जा रहा है। बताया जाता है कि यह जीव काफी ताकतवर होता है और शेर से भी भीड़ जाता है। ब्लैक एंड व्हाइट हनी बेजर को विलुप्तप्राय माना जाता है। फिलहाल वन विभाग के कर्मचारी इसकी देख रेख में जुटी हुई है। कांकेर जिले का सहायक वन परिक्षेत्र कोटलभट्टी अंतर्गत ग्राम साईमुंडा जंगल का इलाका, कोंडागांव और धमतरी जिला के सीमा अंतर्गत भी आता है,साथ ही सीतानदी अभ्यारण्य से भी लगे होने के कारण इस जानवर की आने की संभावना जताई जा रही है।

ज्यादातर यह खतरनाक जानवर अफ्रीका के जंगलों में पाए जाते हैं लेकिन यहां आना किसी हैरत से कम नही है ।इसके ऊपरी का हिस्सा सफेद और बाकी हिस्सा काला होता है देखने मे नेवला और भालू का मिलाजुला रूप है। हनी बेजर स्वभाव से बेहद झगड़ालू होता है अक्सर आकरण हमला कर देता है इसके नाखून और दांत बेहद नुकीले होते है इस कारण खूंखार जानवर भी इस पर हमला करने से बचते है।
हनी बेजर को कबर बिज्जू भी कहा जाता है यह सर्वहारी होता है जिसका मुख्य भोजन कन्द मूल के साथ छोटे किट पतंगे भी होते हैं निशाचरी होने के कारण माना जाता है। यह कब्रों को खोदकर खा जाता है।यह भूखे होने पर हिंसक होकर किसी भी पर हमला कर देता है।