अचानकमार टाइगर रिजर्व में एक बाघिन घायल अवस्था मे देखा गया था।वन विभाग को खबर मिलते ही हडकंम्प मच गया था।और बाघिन की तलाश की जा रही थी ,घायल बाघिन को चार घंटे की मशक्कत के बाद मंगलवार की सुबह 10 बजे रेस्क्यू कर लिया गया । रायपुर जंगल सफारी व कान्हा टाइगर रिजर्व से पहुंची चिकित्सकों की टीम ने ट्रैंक्यूलाइजर गन से बेहोश किया। बेहोश होने के बाद बाघिन को कानन पेंडारी जू से मंगाए गए पिंजरे में डाला गया। घायल बाघिन को लेकर दल कानन पेंडारी जू के लिए रवाना हो गया। बाघिन को कानन में तब तक रखा जाएगा जब तक वह पूरी तरह स्वस्थ्य नहीं हो जाती।छपरवा रेंज के बरमाननाला के समीप बाघिन के घायल होने की जानकारी मिली थी। वनकर्मी की इस सूचना के बाद हड़कंप मच गया। डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा ने तत्काल इस संबंध में वन्य प्राणी प्रधान मुख्य वनसंरक्षक नरसिंह राव को अवगत कराया। साथ ही जंगल सफारी की रेस्क्यू टीम की मदद मांगी। मामला बाघ का होने के कारण प्रधान मुख्य वनसंरक्षक सोमवार को खुद रेस्क्यू टीम को लेकर अचानकमार टाइगर रिजर्व पहुंचे। इधर अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने कान्हा टाइगर रिजर्व से भी मदद मांगी थी।वन विभाग के साथ साथ चिकित्सकों टीम बाघिन के इलाज में लगी है।

ग्रामीणों देख वन विभाग को दिया था सूचना
घटना अचानकमार टाइगर रिजर्व के छपरवा रेंज स्थित कल्हरपानी जंगल की है, यही एक नाले के पास घायल स्थिति में बाघिन को देखा गया था। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। साथ ही यह बताया कि वह बाघ कुछ कदम चलने के बाद बैठ जा रहा है। उसके पैर में चोट लगी है। सूचना मिलने के बाद डिप्टी डायरेक्टर सत्यदेव शर्मा तत्काल मौके पर पहुंचे।