
नगरी -छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के प्रांतीय निर्देशानुसार संगठन के ब्लॉक इकाई नगरी के द्वारा पदोन्नति में आरक्षण के सम्बंध में जब तक माननीय न्यायालय से स्थगन समाप्त नही हो जाता तब तक अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रिक्त पदो को सुरक्षित रखने तथा आरक्षित पदों पर नियम विरुद्ध पदोन्नति को निरस्त करने का मांग पत्र 8जून मंगलवार को संघ के प्रतिनिधियो ने विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव को सौपा है।इस सम्बंध में ब्लॉक अध्यक्ष डोमार सिंह ध्रुव ने बताया है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्र WPS no 9778/2019 विष्णुप्रसन्न तिवारी विरुद्ध छःग राज्य WP.pil/91/2019में पदोन्नति में आरक्षण नियम 2003 को निरस्त करदो माह में माननीय सुप्रीम कोर्ट एम नागराज केस जनरेल सिंह केस में पारित आदेश के शर्तो का पालन करते हुए नए पदोन्नति नियम दो माह में बना लेने की छूट दी गई थी,पर उक्त निर्देशो का पालन किये बिना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 30 अक्टूबर 2019 को नए नियम तैयार कर लागू किया गया जिसे चुनौती देने के कारण100 बिंदु के रोस्टर नियम पर 09/12/2019 को इसे सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृश्टान्त के विपरीतहोना बताकर पी -5 पदोन्नति के लिए 100 बिंदु के रोस्टर पर रोक स्थगन का आदेश देते हुए आरक्षण के बिना सरकार वरिष्ठता के आधार नियम का पालन करते हुए नियमित पदोन्नति दे सकती है ,कहा गया ।आरक्षण अधिनियम 1994 ,नियम 1998 पदोन्नति नियम 2003 एवम समय समय पर हुए संशोधन प्रभावी है।मात्र रोस्टर नियम 05 जिसके अनुसार 100 बिंदु का रोस्टर तैयार किया गया है,को स्थगित किया गया ,समाप्त नही किया गया है।ऐसी स्थिति में प्रदेश में लागू पदोन्नति नियम 2003 के अनुसार आरक्षित पदों को किसी भी तरीके अनारक्षित वर्गों से नही भरा जाएगा।अतः पदोन्नति में आरक्षण के सम्बंध में जब तक न्यायालय से स्थगन समाप्त नही हो जाता तब तक आरक्षित पदों को सुरक्षित रखे जाने की मांग शासन से की जा रही है।संघ के प्रतिनिधियो का विस्तारपूर्वक चर्चा उपरांत माननीय विधायक ध्रुव जी द्वारा शासन स्तर से उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया।इस दौरान संघ अध्यक्ष -डोमार सिंह ध्रुव,सलाहकार -डी के सूर्यवंशी,महासचिव- सुरेशध्रुव,सचिव -स्कंद ध्रुव,संगठन मंत्री -माखन ध्रुव ,द्वारिका नेताम सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
मनीष सेन
