चन्द्रभान साहू

कांकेर-बेटियों को लेकर अब समाज में सोच बदलती जा रही है। पुत्र प्रधान समाज में लड़कियां नए-नए कार्य कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है, किसी भी क्षेत्र में अब पीछे नहीं रहती। ऐसा ही एक मामला कांकेर जिले के मावलीपारा गांव में देखने को मिली, जहां चार बेटियों ने अपनी मां की अर्थी को कंधा देकर उनकी शव यात्रा को रवाना किया।नरहरपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम मावलीपारा में पदमा साहू की मौत के बाद उसकी चार बेटियों ने माँ की अर्थी को कंधा दिया। दरअसल मृतिका पद्ममा साहू का कोई भी पुत्र नहीं है, सिर्फ चार बेटियां है चारों विवाहित है,इनके पिता का पहले ही देहांत हो चुका है।मां के अंतिम यात्रा हिंदू धर्म के रीति-रिवाज के अनुसार बेटियां डिगेश्वरी साहू, सहा बाई साहू,रेखा साहू,मालती साहू ने मां की अर्थी को कंधा दिया और अंतिम शव यात्रा निकाल माँ को अंतिम विदाई दी।
ग्राम मावलीपारा में 65 वर्षीय महिला पदमा साहू की तबियत खराब होने की वजह से 03 अगस्त को उनका देहांत हो गया,पदमा साहू का कोई पुत्र नही है,चार बेटियां है।स्वर्गवास हुआ तो चारों बेटियों ने हिम्मत दिखाते हुए पूरी रीति-रिवाज़ के साथ अपनी माँ की अर्थी को कंधा देकर अंतिम विदाई दी।हर कोई इन बेटियों के सराहना कर समाज के लिए गौरव की बात बता रहें है।