भारत माला परियोजना–नरहरपुर के सैकड़ों किसानों ने प्रशासन से लगाई गुहार, नहीं मिल रहा वाज़िब दाम–

रायपुर से विशाखापटनम राजमार्ग निर्माण के लिए बड़ी तादाद पर किसानों का भूमिअधिग्रहण किया गया है, सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है,मुआवजा को लेकर भी लगभग पूरी प्रक्रिया अंतिम चरण पर है। पर कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखण्ड के कुछ किसानों ने जिनकी जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है, उनके द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई है,किसानों का कहना है कि उन्हें जमीन का मूल्य कौड़ियों के भाव दिया जा रहा है,जबकि उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए , सरकारी मूल्य में कमी बताकर,मावलीपारा बासनवाही,मांडाभर्री के असिंचित भूमि की बाज़ार मूल्य 1 लाख 70 हजार रुपया प्रतिहेक्टिर तथा सिंचित भूमि की कीमत 2 लाख 48 रू प्रतिहेक्टयर के लगभग तय है,इसी के तहत मूल्यांकन कर 4 गुना मुआवजा प्रदान किया जाना है ।कई किसान ऐसे भी शामिल है जिनकी पूरी जमीन जा रहा है,अब ऐसे में उनके पास खेती के लिये कोई जमीन नहीं बच पायेगी,मुआवजा भी सही नही मिल पा रहा है। 2 लाख 75 हजार प्रतिएकड़ के दर से मुआवजा प्रकरण बनकर तैयार है।

बासनवाही सहित ग्राम मुसरपुट्टा,मावलीपारा और मांडाभर्री के किसान आक्रोशित नजर आ रहे हैं। किसानों ने बाताया कि मूल्यांकन करते समय किसी भी तरह का पारदर्शिता नहीं अपनाया गया । कागजी कार्यवाही पूर्ण बताया जा रहा है ,जबकि नियमअनुसार ग्राम सभा में यह बात रखी जानी थी कृषकों को नोटिस जारी करना था कीमत का पूरी जानकारी देकर कौन सी खसरे की भूमि अधिग्रहण किया जाना है यह जानकार बताई जानी थी। इसका पूर्ण विवरण प्रदान करना था परंतु नियम अनुरूप एक भी कार्य नहीं हुआ है बहुतायत जगहों पर यह भी शिकायत है की सिंचित भूमि को असिंचित बताकर मुआवजा का मूल्यांकन कम किया गया है एक तरफ ट्यूबेल का मुआवजा दिया जा रहा है और उसी भूमि को असिंचित भी बताया गया है ।

इससे किसानों को बड़ी आर्थिक क्षति होगी ।मुसुरपुट्टा के किसानों से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्रों में इमारती उपयोगी पौधे और वृक्ष है जिसका उल्लेख ही नहीं किया गया है जबकि नियम में इनका भी मुआवजा मिलना बताया गया है। किसान सरकार के खिलाफ लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं।इसका अपील उच्च स्तर अधिकारी से करेंगे और सुनवाई ना होने पर आंदोलन किया जाएगा ।विकास कार्य में किसानों का कोई रोक नहीं दिखाई दे रही है,परंतु उचित मुआवजा ना देने से सभी छोटे किसानों को जीवन संकट में दिखाई दे रहा है। अधिकारियों से भी संपर्क करने पर यह कह दिया गया की जिला में सभी किसान संतुष्ट है।

सरकार के मुताबिक योजना के पूरा होने पर, भारतमाला के तहत राजमार्ग की कुल लंबाई 51,000 किलोमीटर होगी। इसके पहले चरण में 29,000 किलोमीटर का विकास 5.5 खरब के परिव्यय के साथ किया जाएगा।