गोधन न्याय योजना रोका -छेका अभियान भी सुस्त,सड़को पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा,हादसों को दे रहा आमंत्रण

नगरी

ग्रामीण अचंल में छत्तीसगढ़ शासन ने गोधन न्याय योजना के तहत जब रोका -छेका अभियान शुरू किया तो बड़े जोर शोर से इस योजना के प्रचार प्रसार में लाखों रुपए खर्च किए गए ।सरकार ने इस अभियान को शुरू करने से पहले कई फायदे बताए थे।जो अब फ्लाफ हो रहा है।
ग्राम पंचायत बेलरगांव समेत क्षेत्र के गांवों में चौक -चौराहों सहित सड़कों पर आवारा मवैशियो का जमावड़ा लगा रहता है।
इसके चलते लोग हादसे का शिकार हो रहे है। ग्रामीण अचंलो में हालत यह है कि गौठान सुनसान पड़े है।ओर पशु पालक अपने जानवरों को खुले में चरने के लिए छोड़ रहे है।
क्षेत्र में कई स्थानो पर लाखों रूपये खर्च कर गौठान बनाए गए है ।लेकिन इन गौठानो मैं मवैशियो के लिए चारा वं पानी की व्यवस्था भी नहीं है।काग्रेंस की रोका-छेका अभियान ग्राम पंचायत गढ़डोगरी(मा), नवागांव, बेलरगांव,गढड़ोगरी (रै),आमगांव, बरबाधा,जैतपुरी,घुरावड़,भुरर्सीड़ोगरी में ठप है। मुख्य मार्ग पर मवैशी सड़कों पर डेरा जमाए हुए हैं ।इससे कभी भी दुघर्टना घट सकती है। कहीं-कही पर मवैशिया भी दुघर्टना के शिकार भी हो रहे हैं।ग्रामीण अचंल में खेतों में धान बुआई का काम चल रहा है।धान भी अंकुरित होकर निकल रहे है।ऐसे में मवैशियो को खुला छोड़ देने से धान की फसल को भी मवैशी नुकसान पहुंचा रहे है।किसान मवैशियो को अपने -अपने खेत से हटाते परेशान हो रहे है।

मनीष सेन