
नगरी- .किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत के लिए राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में से एक नरवा,गरवा, घुरवा,बाड़ी योजना संचालित है।पर नगरी ब्लाक में योजना की जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
नगरी ब्लाक से 15 किलोमीटर दुर ग्राम पंचायत गढ़डोगरी(मा.)में बनाया गया गौठान सालभर में ही दम तोड़ने लगा है।किसानों ने गौठान में पार्याप्त चारे की व्यवस्था नहीं होने के कारण मवेशीयों को गौठान भेजना ही बंद कर दिया है।इन गौठानो में अब ग्रामीण अपने मवेशियो को नही ले जा रहै है।जिसके कारण लाखो रूपए खर्च कर बनाए गए इन गौठानो की कोई उपयोगिता नजर नहीं आ रही है।
समिति अध्यक्ष टीकेशवर ध्रुव ने बताया की यह गौठान में करीब चार माह से गौबर खरीदी नही हो रहा है।ग्राम पंचायत गढ़डोगरी में दो रूपये की दर अबतक चार सौ किंवटल ही गोबर खरीदी हुआ है।

लेकिन अबतक गौबर बेचने वाले शिवकुमार ध्रुव, गेंदराम सोरी,दिनु नेताम सहित ओर भी कुछ लोंग है जिनको पैसा नही मिंल पाया है जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है।

राज्य सरकार ने इस योजना पर लाखो रूपए खर्च कर मवेशियो और आम लोगों की आर्थिक आमदनी बढ़ाने की बात की थी। मवेशियो को सुरक्षित रखने के लिए बांस ओर पैरे से बनाया गया शेड़ देख -रेख के अभाव में उखड़ कर जर्जर हो गया है । ग्रामीणों ने बताया की जब से यह गौठान बना है तब से इसके संचालन को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।गौठान की सुरक्षा को लेकर कोई उपाय अबतक नही किया गया है।कुछ दिन पहले साड़ी के सहारे खाद को सुरक्षित रखा जा रहा था। ओर तो ओर गौठान के सुरक्षा में लगे जाली तार और गेट भी उखड़ गया है यही नही गौठान में पानी की व्यवस्था भी नही है,जिससे मवेशियो को पानी पीने के लिए ईधर उधर भटकना पड़ता है ।
