छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर के संधू राम शोरी मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के अब्दुल मजीद खान
कोरोना वैक्सीन को लेकर जहां कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं, वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ऐसा मामला सामने आया है, जहां वैक्सीन लगवाने के बाद दो शख्स की गंभीर बीमारी ठीक हो गया है।
पहला मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक के पलका गांव का है जहां संधुराम सोरी जो की दो से तीन माह पहले तक ये चल-फिर नहीं सकते थे,लकवा से ग्रस्त थे। लेकिन वैक्सीन लगाने के बाद इनके पैरों में जान आ गई है। बल्कि अब वो पूरी तरह स्वस्थ भी हैं।दरअसल संधुराम करीब दो साल से खाट पर ही थे, ऐसे में अप्रैल महीने में उन्हें 45 प्लस के तहत कोरोना की वैक्सीन लगाई गई, जिसके बाद ये बदलाव आया। बीएमओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव जाकर इसकी तहकीकात कर चुकी है। स्वास्थ विभाग इसे रिसर्च का विषय मान रहा है।

वहीं एक और ममाला मध्य प्रदेश का है जहाँ एक शख्स का दावा है कि वो पिछले कई महीने से पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा था, कई जगह का इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला था. लेकिन कोरोना वेक्सीन लगाने के बाद उन्हें राहत मिली है।दरसल मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के सारंगपुर निवासी अब्दुल मजीद खान का कहना है कि वे पिछले छह-सात महीने से पैरालिसिस से जूझ रहे थे. पैरालिसिस का असर उनके मुंह पर भी था, वे ठीक से बोल भी नहीं पा रहे थे. वैक्सीनेशन को माजिद खान खुद के लिए वरदान मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई डॉक्टर उनकी इस बीमारी को लेकर जवाब दे चुके थे. वे भी काफी परेशान थे. अब इस बीमारी से ठीक होने के बाद वे लोगों से वैक्सीनेशन की अपील कर रहे हैं. मजीद खान ने बताया कि उन्हें वैक्सीन लगवाने के बाद 75 फीसद तक आराम मिला है. उन्होंने बताया कि पैरालिसिस के कारण उन्हें बोलने में काफी समस्या हो रही थी, लेकिन अब वे सही तरीक से बोल पा रहे है।

राजगढ़ जिला चिकित्सालय के डॉ. सुधीर कलावत का कहना है कि माजिद खान को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि मरीज का दावा है कि वैक्सीन लगवाने के बाद उसका पैरालिसिस सही हुआ है.डॉ. सुधीर कलावत ने बताया कि यह साइकोलॉजिकल हो सकता है या फिर यह वैक्सीन का इफेक्ट भी हो सकता है, जो भी हो इस पर रिसर्च स्टडी की आवश्यता है।