रेंगानार ने पूरे प्रदेश में मिशाल कायम की है।टीकाकरण को लेकर अफवाहों के बीच लोगों का शत प्रतिशत वेक्सिनेशन बस्तर में जागरूकता का प्रमाण है,हमें ऐसे गांवों से सिख लेनी की जरूरत है।याद रखिये टीकाकरण से ही कोरोना को मात दिया जा सकता है।इसलिए टीका अवश्य लगवाएं–
कोरोना से जंग के बीच बस्तर अंचल से एक अच्छी खबर सामने आई है। दंतेवाड़ा जिले का सुदूर रेंगानार गांव प्रदेश का पहला ऐसा गांव बन गया है, जहां के हर नागरिक ने कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवा लिया है।जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से करीब 20 किलोमीटर दूर नकुलनार रोड पर स्थित आदिवासी बाहुल्य रेंगानार में 18 वर्ष से अधिक के 310 लोग रहते हैं। टीकाकरण के लिए पात्र वहां के सभी 294 लोगों ने कोरोना से बचने में टीके के महत्व को समझते हुए टीका लगवा लिया है। गांव में 45 वर्ष से अधिक के नागरिकों और 18 से 44 वर्ष के युवाओं को टीके के प्रति जागरूक करने में स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों और जागरूकता दल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी लगातार कोशिशों से वे ग्रामीणों को समझाने में कामयाब रहे कि कोरोना से बचने के लिए अभी टीका ही सबसे प्रभावी उपाय है।
रेंगानार ने पूरे प्रदेश के सामने मिसाल कायम की है। टीकाकरण के माध्यम से कोरोना को मात देने में गांव का हर वयस्क सदस्य योगदान दे रहा है। शहरी क्षेत्रों के उलट वहां लोगों के पास स्मार्ट फोन और इंटरनेट की काफी सीमित उपलब्धता के कारण शत-प्रतिशत टीकाकरण आसान नहीं था। लेकिन टीकाकरण के प्रति ग्रामीणों के उत्साह तथा स्वास्थ्य कर्मियों व जागरूकता दल की लगातार कोशिशों से रेंगानार ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया।

दंतेवाड़ा के जिला कलेक्टर श्री दीपक सोनी पहल से हर पंचायत में कोरोना जागरूकता टीम बनाई गई है. ये टीमें परीक्षण और टीकाकरण के मुद्दों पर लगातार नजर रखती हैं। लोगों को परामर्श के माध्यम से प्रेरित किया जाता है। जिसका नतीजा यह रहा कि रेंगानार के 18 वर्ष और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण की खुराक 100 प्रतिशत पूरी हो चुकी है।