बड़ी खबर–नेपाल से तस्करी कर लाये चायनीज सेब बरामद,8 आरोपी गिरफ्तार–सेहत के लिए है ये सेब है खतरनाक—

 बिहार के सुपौल से लगी भीमनगर इंडो नेपाल बॉर्डर इलाके में पटना से आई एसओजी- 05 की टीम ने शराब की सूचना पर नेपाल से तस्करी कर लाये जा रहे ट्रक पकड़े हैं. 3 नेपाली ट्रकों में चाइनीज सेव के साथ अनलोड किये जा रहे 3 भारतीय नंबर के ट्रक यानि कुल मिलाकर 6  ट्रक, एक बुलेट बाइक व एक चार चक्के की गाड़ी को जब्त किया है. वीरपुर- भीमनगर मुंख्य पथ के खोन्टाहा कोल्ड स्टोर्स के पास एसओजी-एसएसबी और सुपौल पुलिस की संयुक्त करवाई में ये सफलता हाथ लगी है. वहीं इस धंधे मेें शमिल 8 लोगों को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

भारत में इसकी बिक्री पर लगा है प्रतिबंध

गौरतलब है कि भारत सरकार ने इससे होने वाली हानि को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस पर प्रतिबंध की जानकारी बहुत कम लोगों को होने के कारण इसकी खरीदारी से किसी को परहेज भले ही न हो लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. बताया जाता है कि इन सेब को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला केमिकल जिसे उरबासिड या टूसेट के नाम से जाना जाता है, वह त्वचा पर चकते पैदा कर सकता है. इसे चीन सरकार ने भी अपने देश में बिक्री के लिए प्रतिबंधित कर रखा है. यह सेहत के लिए काफी हानिकारक माना जाता है. जानकारी के अभाव में इसकी खरीद-बिक्री हो रही है. ऐसे में अनजान लोग इसे खा कर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. सवाल है कि आखिर बॉर्डर पर इतनी सुरक्षा के बाबजूद किसकी मदद से ये सब भारत में प्रवेश कर रहा है.

सेब को पकाने में खतरनाक कैमिकल का प्रयोग

दरअसल, इस सेब को पकाने में होने वाले केमिकल का इस्तेमाल लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है. जिसकी वजह से इसकी बिक्री चीन में नहीं होती, लेकिन ये भारत के तस्करों को 40 से 50 रुपये किलो मुनाफा देता है. बाजार में इसे 100 से 150 रुपया किलो तक बेच दिया जाता है.

एसएसबी के रहते कैसे होता है प्रवेश

सेब की बरामदगी के बाद ये बड़ा सवाल बन गया है कि इंडो नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी की गस्ती 24 घंटे रहती है. इसके बाद भी प्रतिबंधित सेब आखिर भारत में कैसे प्रवेश कर जाता है.

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