नासिक के परिवार का दावा:वैक्सीनेशन के बाद बुजुर्ग के शरीर से चिपकने लगा लोहे-स्टील का सामान, जांच करने पहुंचे डॉक्टर्स हैरान, सरकार जांच कराएगी
महाराष्ट्र के नासिक जिले से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक परिवार का दावा है कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद उनके परिवार के एक बुजुर्ग सदस्य के शरीर में चुंबकीय शक्ति पैदा हो गई है। अब उनके शरीर पर चम्मच, स्टील और लोहे के बर्तन और सिक्के आसानी से चिपक जा रहे हैं।यह ठीक वैसा है, जैसे किसी चुंबक से लोहा चिपक जाता है। इस घटना की जानकारी सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘इस मामले में क्या सच्चाई है, उसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। इसके पीछे कोई चिकित्सीय कारण है या कुछ और यह सच जल्द सामने आना चाहिए। इसलिए हमने इस मामले की जांच का आदेश दिया है।’

हैरान हैं डॉक्टर्स, महाराष्ट्र सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट
परिवार ने इस घटना का वीडियो बनाया और जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी। प्रशासन की ओर से भी डॉक्टर्स की एक टीम बुधवार को यहां जांच के लिए पहुंची और वे भी इसे देख हैरत में पड़ गए। अरविंद सोनार की जांच करने पहुंचे डॉ अशोक थोरात ने बताया कि इस मामले में जांच जारी है। यह रिसर्च का विषय है और अभी इस पर कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा। फिलहाल हम इसकी रिपोर्ट महाराष्ट्र सरकार को भेजेंगे और उनके निर्देश के मुताबिक काम किया जायेगा।
नासिक के सिटी हॉस्पिटल के डॉ. नवीन बाजी ने बताया, ‘यह पहला मौका है जब टीकाकरण के बाद एक हाथ पर लोहे और स्टील का सामान चिपक रहा है। उन्हें उस निजी अस्पताल में डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए जहां उन्हें टीका लगवाया है। हालांकि, इससे पहले ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है। यह शोध का विषय है।’

शुरू में परिवार को लगा पसीने के करण हुआ है ऐसा
नासिक के शिवाजी चौक इलाके में रहने वाले 71 वर्षीय अरविंद जगन्नाथ सोनार ने 2 जून को कोवीशील्ड की दोनों डोज पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने दावा किया कि उनके शरीर में यह पावर आई है। पहले परिवार को ऐसा लगा कि शायद पसीने की वजह से उनकी बॉडी में यह चिपक रहा है, लेकिन कई बार ऐसा होने पर उन्हें उनकी धारणा भी बदलने लगी।
परिवार ने कई तरीकों से इसकी पुष्टि की है
अरविंद के बेटे जयंत में बताया, ‘मैं न्यूज देख रहा था। इसी दौरान मैंने पापा के कंधे से चिपके हुए कुछ सिक्के देखे। शुरू में मुझे लगा कि शायद वे सो रहे थे और उठे तो यह पसीने के कारण बेड पर पड़े सिक्के चिपक गए होंगे। कुछ देर बाद उन्होंने कुछ और चीजों को चिपकाया तो हमारी धारणा बदलने लगी। हालांकि, हमने इस बात की पुष्टि के लिए उन्हें नहलाया और फिर से चेक किया तो लोहे के हलके सामान उनकी बॉडी से चिपक रहे थे।’