कोविड प्रकरण कम जरूर हो रहे, लेकिन अभी भी सावधानी व सतर्कता बरतने की जरूरत: कलेक्टर

मनीष सेन
धमतरी 23 मई 2021/ जिले में कोविड 19 की प्रसार दर को नियंत्रण करने के उद्देश्य कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य की अध्यक्षता में शनिवार 22 मई को वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक आयोजित की गई। इस दौरान बताया गया कि जिले में वर्तमान में कोविड का संक्रमण अभी भी बरकरार है, यद्यपि गत सप्ताह से संक्रमितों की संख्या में कमी देखी जा रही है। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कोविड की द्वितीय लहर में कोविड संक्रमित दर लगभग 22 प्रतिशत थी, जो अब घटकर लगभग 12 प्रतिशत है। कोविड 19 की सैंपल संग्रहण लक्ष्य के अपेक्षित उपलब्धि नहीं होने के कारण कोविड प्रभावित प्रकरण में कमी देखी जा रही है जिससे इन प्रकरणों का विलंब से जांच उपरांत प्रसार दर में वृ़िद्ध होने की आशंका हो सकती है। इसके लिए कलेक्टर निर्देशित किया कि शासन द्वारा तय निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सैंपल संग्रहण करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर सैंपल संग्रहण का लक्ष्य निर्धारण किया जाए। कोविड 19 के सैंपल संग्रहण में वृद्धि के लिए उन्होंने सरपंच, सचिव, मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लेने पर बल दिया।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दर को नियंत्रित करने और संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग की भूमिका अहम है। इस काम के लिए जिले के सभी विकासखण्डों में अन्य विभाग के कर्मचारी संलग्न किए गए हैं, इसके बावजूद काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग शत-प्रतिशत नहीं की जा रही है। ऐसे लोगों को 48 से 72 घंटों के भीतर पहचान कर इनकी जांच करवा कर उन्हें आइसोलेट किया जाना है, ताकि संक्रमितों को इलाज मुहैय्या किया जा सके। राज्य शासन के निर्देशानुरूप एक संक्रमित मरीज के पीछे 30 को ट्रेस किया जाना है, किन्तु वर्तमान में जिले में एक संक्रमित मरीज के पीछे 5-6 व्यक्तियों को ही ट्रेस किया जा रहा, इस संबंध में कलेक्टर ने ऐसे व्यक्ति जिनको संक्रमण का खतरा अधिक होता है, उन व्यक्तियों का 48 घंटों के भीतर सैंपल लेना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में 1795 मितानिन कार्यरत हैं, जिनके द्वारा डोर-टू-डोर लाक्षणिक मरीजों को औषधि किट का वितरण किया जा रहा है, इस पर तेजी लाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। इसके लिए सभी मितानिनों के पास कम से कम पांच कोरोना किट जरूर रहना चाहिए। साथ ही मितानिनों द्वारा इन दवाईयों की उपयोगिता बताया जाना एवं होम आइसोलेशन की गाइडलाइन का फाॅलो कराना सुनिश्चित करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं। ऐसे मरीज जिनकी रिपोर्ट आने में देरी हो रही है, तो ऐसे लाक्षणिक मरीजों को प्राथमिकता के तौर पर दवाई का वितरण करने एवं मरीज द्वारा दवाई समय पर लिया जा रहा अथवा नहीं, इसकी माॅनिटरिंग करने पर कलेक्टर ने बल दिया है।
कोविड सैंपल टेस्टिंग एवं कोविड पाॅजिटीव मरीजों के संधारण के लिए आइसीएमआर पोर्टल संचालित है, जिसमें पाॅजिटीव के साथ ही निगेटिव की भी एंट्री नियमित रूप से किया जाना है। इस पोर्टल में कोविड सैंपलिंग की उसी दिन डाटा प्रविष्टि करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं, ताकि इसमें किसी प्रकार की देरी नहीं हो। कोविड से मृत्यु दर कम करने के लिए विभागीय स्तर पर कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वित करना जरूरी है। वर्तमान समय में जिले की मृत्यु दर 2.03 प्रतिशत है। कोविड मृत्यु दर को कम करने के लिए अस्पतालों में होने वाले कोविड की मृत्यु के कारणों को विश्लेषण करने के लिए तीन श्रेणियों में बांटकर 24, 48 एवं 72 घंटों में कितने मरीजों की मृत्यु हुई, कारणों पता लगाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं। साथ ही जिन मरीजों को आॅक्सीजन की आवश्यकता है, उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना सुनिश्चित करने कहा है, ताकि विलंब से अस्पताल पहुंचने पर होने वाले मरीजों की मृत्यु को कम किया जा सके।

कोविड मरीजों के डिस्चार्ज के बाद उनके इलाज के लिए जिला अस्पताल में कोविड ओपीडी प्रारंभ किया गया है। इसके अलावा मरीजों सांस लेने की तकलीफ, थकान, कमजोरी, म्यूकरम्युकोसिस (ब्लैक फंगस) के संभावित लक्षणों के मरीजों का नियमित फाॅलोअप और उक्त लक्षणात्मक मरीजों के उपचार के लिए पोस्ट कोविड केयर प्रारंभ करना सुनिश्चित करने कहा गया है। इन ओपीडी क्लिनिक में मेडिसिन विशेषज्ञ, नेत्र विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट, मनोचिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है। साथ ही कोविड अस्पतालों से डिस्चार्ज मरीजों को एक पाॅम्पलेट तैयार कर दिया जाए, जिसमें उन्हें दैनिक खान-पान और अन्य बातों का विशेष ध्यान देने संबंधी जानकारी हो।
कलेक्टर ने कहा है कि जिले में वर्तमान में 1756 एक्टिव केस हैं, जिन्हें ग्राम स्तर पर चार श्रेणियों (अति संवेदनशील, संवेदनशील, कम संवेदनशील और समान्य) में वितरण किया जाए, ताकि समस्यामूलक गांव में कोविड के प्रकोप पर काबू किया जा सके। उन्होंने निर्देशित किया है कि जिले में जहां कोविड के अधिक प्रकरण आ रहे, वहां पर मिनी कंटेनमेंट जोन बनाया जाए, जहां पर पाॅजिटीव आए मरीजों की प्रायमरी काॅन्टेक्ट का एक्टिव सर्विलेंस 24 घंटे के भीतर किया जाए। इन कंटेनमेंट जोन का प्रशासन से समन्वय कर सभी लाक्षणिक मरीजों का सैंपलिंग करना सुनिश्चित किया जाए। इसे लिए प्रति 100 घर के पीछे एक टीक का गठन किया जाए। जिले में कोविड धनात्मक आने पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग जिले से बाहर उपचार करा रहे हैं और अन्य अस्पतालों में भर्ती है, जिनकी जानकारी संधारित करना जरूरी है। कलेक्टर ने इसके लिए होम आइसोलेशन परामर्शदात्री एवं काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम को जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा निमोनिया जैसे गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए कोजूमेंट वैक्सीनेशन (पीसीवी) आगामी माह में शुरू किया जाना है। इस संबंध में जिले के सभी स्तर पर इसका प्रशिक्षण दिया गया है। बताया गया है कि इनका पहला टीकाकरण छः सप्ताह और दूसरा टीका 14 सप्ताह में तथा तीसरा टीका नौ महीने में लगाया जाएगा। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मयंक चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.डी.के.तुर्रेY, सिविल सर्जन डाॅ.एस.एम.एस.मूर्ति, जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.बी.के.साहू, नोडल अधिकारी डाॅ. विजय फूलमाली जुड़े रहे। साथ ही सभी बीएमओ एवं विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भी जुड़े रहे।

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