दिल्ली. केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने विनिवेश संबंधी सचिवों की कोर समिति को उन सरकारी बैंकों के नाम सौंप दिए हैं जिनका विनिवेश प्रक्रिया के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में निजीकरण किया जाना है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी.
नीति आयोग को निजीकरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का नाम चुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में निजीकरण से जुड़ी घोषणा की गई थी.
अधिकारी ने कहा, ‘हमने सचिवों की विनिवेश संबंधी कोर समिति को (सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम बैंकों के) नाम सौंप दिए हैं.’ उच्च स्तरीय समिति के दूसरे सदस्यों में आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, व्यय सचिव, कॉरपोरेट मामलों के सचिव, कानूनी मामलों के सचिव, सार्वजनकि उपक्रम सचिव, निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव और प्रशासनिक विभाग के सचिव शामिल हैं.
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की कोर समिति से मंजूरी मिलने के बाद ये नाम मंजूरी के लिए पहले वैकल्पिक तंत्र (एएम) के पास और अंतिम मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के समक्ष रखे जाएंगे.
कैबिनेट की मंजूरी के बाद निजीकरण की प्रक्रिया में मदद करने के लिए नियामकीय पक्ष में बदलाव शुरू किया जाएगा. सरकार ने बजट में दो सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी सहित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों एवं वित्तीय संस्थानों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 1.75 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाने का लक्ष्य रखा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था, ”जिन बैंकों का निजीकरण किया जाएगा उनके कर्मचारियों के हितों की पूरी तरह से सुरक्षा की जाएगी. उनके वेतन की बात हो अथवा पेंशन सभी का ध्यान रखा जाएगा.”